अकेले हम हर कदम चल पडे है राहो मै ...ना मंजिल दिखी ना रास्ता दूर गगन की छाव मै ....उम्मीद की कश्ती आस की पतवार ....आशा की किरण हिम्मत की धार ....अकेलेपन का एहसास चुभता है दिल मै ....अकेले खड़े है जैसे अपनों की महफ़िल मै..ना तू ना तेरी परछाई है करीब मेरे लगता है तू ही नहीं नसीब मेरे ...दिल की गहराई से कुछ आज लिख दिया ....शायद ये शब्द ही थे अलफ़ाज़ मेरे ..तेरी मुस्कराहट है या नजरो की हरकत ...इसे अदा कहू या खुदा की बरकत ...कर लू दीदार तेरा बस ये ही है अरमान मेरे ....कितना अकेला हूँ..क्यों नहीं है तू पास मेरे...क्यों नहीं है तू पास मेरे ....
Friday 12 October 2012
अकेले चल पडे है राहो मै ....
अकेले हम हर कदम चल पडे है राहो मै ...ना मंजिल दिखी ना रास्ता दूर गगन की छाव मै ....उम्मीद की कश्ती आस की पतवार ....आशा की किरण हिम्मत की धार ....अकेलेपन का एहसास चुभता है दिल मै ....अकेले खड़े है जैसे अपनों की महफ़िल मै..ना तू ना तेरी परछाई है करीब मेरे लगता है तू ही नहीं नसीब मेरे ...दिल की गहराई से कुछ आज लिख दिया ....शायद ये शब्द ही थे अलफ़ाज़ मेरे ..तेरी मुस्कराहट है या नजरो की हरकत ...इसे अदा कहू या खुदा की बरकत ...कर लू दीदार तेरा बस ये ही है अरमान मेरे ....कितना अकेला हूँ..क्यों नहीं है तू पास मेरे...क्यों नहीं है तू पास मेरे ....
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
this is so nice... i really like to add some more lines in your blog
thks sonal ji
Post a Comment